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ऑफलाइन शिक्षा का स्थान नहीं ले सकती ऑनलाइन : सम्पतसिंह

राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय)  ने प्राथमिक शिक्षा के 40 लाख बच्चों के अतिरिक्त शिक्षण की योजना तैयार कर क्रियान्विति का किया आह्वान

जयपुर। प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना की प्रथम व द्वितीय लहर के दौरान प्राथमिक शिक्षा के बालकों के लिए शिक्षण कार्य ऑनलाइन रहा। विभाग द्वारा समय समय दिए गए आदेशो की स्माइल 1 व दो के तहत गृह कार्य देने तथा वर्कबुक के जरिये कक्षा 1 से 5 के बालकों का शिक्षण कार्य पूरा करने में शिक्षकों ने अपने कर्तव्य का बखूबी पालन किया मगर ऑनलाइन शिक्षा कभी भी ऑफलाइन शिक्षा का स्थान नहीं ले सकती। ये विचार राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रदेशाध्यक्ष सम्पतसिंह ने संगठन की संभाग स्तरीय वर्च्युअल बैठकों में व्यक्त किए। राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का मानना है कि प्राथमिक शिक्षा के कक्षा 1 से 5 तक के बालकों  की गत सत्र एक भी दिन ऑफलाइन कक्षा नहीं लगने से बालक अपनी कक्षा स्तर के अनुरूप शिक्षा के मूलभूत व मुख्य उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाया है । सीखने के प्रतिफल को प्राप्त नहीं कर पाना चिंताजनक है। 

गांव, ढाणी व मोहल्लों तक शिक्षण करवाने की योजना बनाई 

संपतसिंह ने बताया कि राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) ने प्रदेश में प्राथमिक कक्षाओं के तकरीबन 40 लाख बालकों की प्रभावित हुई शिक्षा को लेकर चिंता जाहिर कर बालकों को कक्षास्तारानुरूप लाने हेतु गांव, ढाणी व मोहल्लों तक शिक्षण करवाने की योजना बनाई है जिसके अनुरूप संगठन के शिक्षक कार्य कर उसकी क्रियान्विति करेंगे।

सम्पतसिंह ने संगठन के 9 संभागों की बैठकों में अपने कार्यकर्ताओं व शिक्षकों से आह्वान किया कि वे जिला व ब्लाक स्तर पर तत्काल बैठकें आयोजित कर प्राथमिक शिक्षा के कक्षा 1 से 5 तक के बालको के लर्निग गेप को कम करने की एक योजना बनाकर उसकी क्रियान्विति हेतु अध्यापन के पुनीत कार्य मे लग जाए। उन्होंने बताया कि शिक्षक उनको आवश्यक मदद कर समस्या समाधान भी करेंगे तथा भामाशाह तैयार कर शिक्षण सामग्री ,वर्क बुक आदि उपलब्ध करवाएंगे। बालकों की समस्याओं को फोन से प्राप्त कर उनकी समस्याओं को यथासंभव दूर करेंगे।इसके अतिरिक्त कुछ प्रोजेक्ट की सूची बनाकर प्रोजेक्ट वर्क भी देंगे।

संगठन के प्रदेश महामंत्री अरविंद व्यास ने संगठन के 9 संभागों की सम्पन्न हुई बैठकों जिला कार्यकारिणियों के पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगठन के शिक्षको द्वारा हमेशा सामाजिक सरोकार के कार्य किए जाते रहे है।कोरोना विभीषिका की प्रथम लहर में किए गए सेवा कार्यो की तरह दूसरी लहर में भी स्वयं की सुरक्षा के साथ सेवा कार्य कर जरूरतमंद आमजन व शिक्षकों को आवश्यक मदद करे। व्यास ने समस्त जिलो से अब तक किए गए सेवाकार्य का वृत लिया।

स्वयं की सुरक्षा के साथ करें कार्य 

संगठन के प्रदेश संगठन मंत्री प्रहलाद शर्मा ने संगठन की बैठकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत देश सदैव वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार मानता है।अतःविश्व को कोरोना के खिलाफ सुरक्षित बनाने के लिए विभिन्न देशों द्वारा तैयार की गई वैक्सीन को बौद्धिक संपदा के अधिकार कानून व पेटेंट से मुक्त करवाने में विश्व स्तर पर हमारे देश की मांग को बलशाली बनाने हेतु संगठन द्वारा दिये जा रहे ऑनलाइन लिंक पर जुड़कर स्वदेशी जागरण मंच के यूनिवर्सल असेस टू वैक्सीन एंड मेडिसिन के लिए एक याचिका पर हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने में संगठन के कार्यकर्ता अपनी महती भूमिका निभाएंगे। ताकि पेटेंट व बौद्धिक संपदा अधिकारों में छूट दिलवाकर ज्यादा से ज्यादा कंपनियों द्वारा इनका अधिकाधिक उत्पादन करवा कर विश्व को जल्दी से कोरोना मुक्त करवाया जा सके। 

इस अवसर पर संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन शर्मा,प्रदेश के अतिरिक्त महामंत्री महेंद्र लखारा,प्रदेश महिला मंत्री डॉ.अरुणा शर्मा ने शिक्षा,सेवा तथा शिक्षक हित के कार्यो में संगठन के आह्वान पर स्वयं की सुरक्षा के साथ कार्य करने संबोधित किया। संगठन के प्रदेश मंत्री रवि आचार्य ने कहा कि जिन शिक्षको की कोरोना से मृत्यु हुई है उनके परिवार से निदेशक माध्यमिक बीकानेर के आदेश की पालना में अनुग्रह राशि से संबंधित प्रस्ताव सीबीईईओ व डीईओ कार्यालय के माध्यम से निदेशालय भिजवाए । समस्त संभागों की बैठकों की अध्यक्षता प्रदेश उपाध्यक्ष संबंधित मंडल द्वारा की गई । 

दायित्व को पूरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की

अध्यक्षयी उद्बोधन में प्रदेश द्वारा प्राथमिक शिक्षा ,महामारी में आमजन की सेवा,वैक्सीन को पेटेंट से मुक्त करवाने के हस्ताक्षर अभियान में अपनी भूमिका निभाने, एबीआरएसएम की निबंध प्रतियोगिता में शिक्षकों को भाग लेने के कार्यो में समस्त संभाग व जिले के पदाधिकारी संकल्पित होकर अपने दायित्व को पूरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। बैठक में समस्त जिलाध्यक्षों ने पीड़ी मद के शिक्षको की वेतन व्यवस्था काउंसिलिंग में सभी रिक्त पदों को दर्शाने, बीएलओ को गैर शैक्षिक कार्यो से मुक्त रखने ,55 वर्ष से अधिक आयु एवं विभिन्न बीमारियों से ग्रसित शिक्षको की कोरोना ड्यूटीई से मुक्त रखने, आरजीएचएस के पंजीकरण में आनेवाली समस्याओ,प्रबोधको की वेतन विसंगति दूर करने आदि समस्याओ को रखते हुए समाधान मांग की।