दिल्ली अध्यापक परिषद ने कोरोना संक्रमण से बचाव व उपचार के लिए आयोजित की वेबिनार शृंखला
नई दिल्ली। दिल्ली अध्यापक परिषद ने वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान समाज और देश के प्रति नैतिक जिम्मेदारी निभाते हुए शिक्षक, छात्र और समाज में फैले भय व निराशा को दूर करने के लिए “कोरोना से संक्रमण के दौरान, पूर्व व पश्चात होनेवाले कुप्रभाव व उपचार” विषय पर मई माह में वेबिनारों की शृंखला का आयोजन किया।
वेबिनार 1 : कोरोना में सबसे पहली जरूरत मनोबल बनाए रखने की
इस शृंखला में पहली वेबिनार का आयोजन 9 मई 2021 को किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के डीन डॉ महेश व्यास ने कोरोना से बचाव, उपचार व बीमारी से उबरने के पश्चात बरतने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया। प्रोफेसर व्यास ने बताया कि हमारी संस्कृति में हर प्रकार की समस्या दूर करने के उपाय बताए गए हैं। यदि हम सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो विटामिन डी की प्राप्ति होती है। शंख बजाने से फेफड़े की क्षमता बढ़ती है। ये दोनों ही क्रियाएं कोरोना से बचाव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना में सबसे पहली जरूरत मनोबल बनाए रखने की है। उन्होंने आयुष मंत्रालय द्वारा अनुमोदित व चिकित्सकीय परीक्षणों से गुजरे ” आयुष 64 ” नामक दवाई को लेने की सलाह दी जो इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद से बिना किसी शुल्क के प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने 5000 साल पहले आचार्य सुश्रुत व उनके बाद आचार्य चरक द्वारा बताए गए उपायों की चर्चा करते हुए कहा कि संक्रमित व्यक्ति द्वारा मुंह को ढककर रखना, स्थान का परित्याग करना अर्थात अपने को सभी से अलग कर लेना, हाथ पैर धोते रहना चाहिए। उन्होंने आचार्य सुश्रुत द्वारा बताए गए तथा आज के वैज्ञानिकों द्वारा अनुमोदित “धूपन कार्य” को घरों के अंदर करने का सुझाव भी दिया जिसमें सरसों के दानें,नीम के पत्तें, कपूर, गाय का घी,लवण को कंडे पर जलाकर पूरे घर में धुआं करने से घर बैक्टीरिया व वायरस से मुक्त हो जाता है। उन्होंने सभी लोगों से हल्दी-दूध,घर में बने अच्छे आहार,अच्छी निंद्रा लेने के साथ रोज व्यायाम करते रहने का सुझाव भी दिया। इस वेबिनार में नेहरू होम्योपैथी कॉलेज से डॉ मृणालिनी पराशर ने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति तथा कोरोना महामारी में होम्योपैथी की उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
वेबिनार 2 : बिना घबराये संक्रमित व्यक्ति तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क
वेबिनारों की शृंखला में दूसरी वेबिनार का आयोजन 15 मई 2021 को आयोजित किया गया। इस वेबिनार को एलोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टर दीपक जाखड़ तथा डॉक्टर अपर्णा शर्मा ने संबोधित किया। दोनों चिकित्सकों ने कोरोना महामारी के लक्षणों, पहचान, उपचार तथा बीमारी के बाद की सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉक्टर दीपक जाखड़ ने काले,सफेद फंगस के साथ साथ त्वचा से संबंधित चकत्ते, दाने,जलन,खुजली जीभ पर काले, सफेद धब्बे, नाक व जीभ पर कालापन आदि के बारे में बताते हुए कहा कि जैसे ही उपरोक्त लक्षण दिखे तो संक्रमित व्यक्ति को बिना घबराये तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए तथा अपना इलाज शुरू कर देना चाहिए। इस लाईव कार्यक्रम में श्रोताओं ने अनेक सवाल पूछे जिनके उत्तर दोनों चिकित्सकों ने दिया तथा जिसके परिणामस्वरूप लोगों के मन से भय,तनाव दूर हो पाया।
वेबिनार 3 : योग भगाएगा रोग और आपको बनाएगा नीराेगी
19 मई 2021 को आयोजित तीसरी वेबिनार में राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक विजेता श्रमेश योगाचार्य ने “कोरोना काल और योग ” विषय पर कहा कि कोरोना से बचने के लिए भ्रामरी, उज्जयी,सर्वांगासन, सूर्य नमस्कार आदि करते रहने का सुझाव दिया। योग पर विश्वास, उत्साह और धैर्य से ही लाभ मिलेगा। यदि आप सकारात्मक सोच से योग करेंगे तो योग आपको स्वस्थ और निरोगी बनाएगा। रमेश योगाचार्य ने कोरोना से पहले , कोरोना के दौरान तथा कोरोना के पश्चात किये जाने वाले प्रणायाम, अनुलोम-विलोम, व्यायाम ,आसन आदि को स्वयं करते हुए उनसे होने वाले लाभों को विस्तार से समझाया।
वेबिनार 4 : गाय के घी से अग्निहोत्र करें अच्छा रहेगा ऑक्सीजन का स्तर
23 मई 2021 को आयोजित चौथी वेबिनार में अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख के संयोजक अजीत महापात्र एवं बी एच यू में कोविड ट्रीटमेंट केंद्र के चेयरपर्सन ने “पंचगव्य एवं प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव एवं उपचार” विषय पर बोलते हुए देशी गाय एवं उसके विभिन्न उत्पादों से होने वाले लाभों की जानकारी दी।उन्होंने गाय के दूध, घी,अर्क, गोबर आदि से तैयार होने वाले अनेक औषधियों के उपयोग एवं उससे होने वाले लाभों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। जहां एक तरफ उन्होंने बरगद, पीपल, तुलसी के पौधों से चौबीसों घंटे ऑक्सीजन मिलने के बारे में बताया वहीं उन्होंने तुलसी के पास गाय के घी से दीपक जलाने पर ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाने का दावा किया।
अजीत महापात्र ने कहा कि अन्य सभी जीव-जन्तु ऑक्सीजन लेकर कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं वहीं गाय 86%ऑक्सीजन छोड़ती है।अतः गाय को घर के पास पालना चाहिए। उन्होंने बताया कि गाय के पास रहनेवालों को कोरोना जल्दी नहीं पकड़ सकता। उन्होंने बताया कि सोते समय नाक में गाय के विलोने वाले घी की दो दो बूंदें डालने से ऑक्सीजन का स्तर ठीक बना रहता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि अपने आस-पास नीम के पेड़ पर गिलोय चढायें। ऐसे गिलोय का काढा बनाकर पीने से डायबिटीज और हर्ट के रोगी को काफी लाभ मिलता है।
अजीत महापात्र जी ने सुझाव दिया कि सभी व्यक्ति अपने घरों में गाय के घी से अग्निहोत्र करें।इससे घर के अंदर ऑक्सीजन का स्तर हमेशा अच्छा रहेगा।उन्होंने सोंठ के पाउडर को सूंघने से कफ में राहत मिलने की बात भी कही।उन्होंने कहा कि गोमूत्र के लगाने से शरीर के ऊपर आये सफेद दाग दूर हो सकता है।एसीडिटी की समस्या से ग्रसित लोगों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे लोग एक गिलास गाय के दूध में एक चम्मच गाय का घी डालकर पीयें तो एसीडिटी दूर हो जाएगी। उन्होंने श्रोताओं के प्रश्नों का जबाव भी दिया।
वेबिनार 5 : रात में दाल, दही, सलाद तथा फलों का नहीं करें सेवन
30 मई 2021 को वेबिनार की पांचवीं शृंखला में “वेलनेस न्यूरोपैथी-दवा रहित-दर्द रहित” विषय पर बोलते हुए आचार्य राम गोपाल दीक्षित ने कहा कि न्यूरोपैथी पुरातन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो अर्द्धनारीश्वर पर आधारित है। न्यूरोपैथी एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसमें शरीर के अंगों को दबाकर अनेक शारीरक समस्याओं से निजात पाया जा सकता है। जहां ऐलोपैथिक डॉक्टर बनने में कई वर्ष और कई लाख रुपये लगते हैं वहीं न्यूरोपैथी में केवल तीन से चार महीने के प्रशिक्षण से ही अनेक प्रकार का इलाज संभव है। आचार्य राम गोपाल दीक्षित ने इम्यूनिटी बढाने ,ऑक्सीजन लेवल बढाने, लीवर को ठीक रखने के उपायों को प्रत्यक्ष रूप में करते हुए ऑनलाइन कार्यक्रम में जुड़े सभी लोगों को भी वैसा करने को प्रेरित किया। उन्होंने शरीर को ठीक रखने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी और कहा कि रात में दाल,दही, सलाद तथा फलों का सेवन न करें।रात में खाना जल्दी खाएं और खाना खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर न जाएं।कार्यक्रम युट्यूब तथा जूम ऐप पर लाईव रहा जिसमें अनेक शिक्षकों ने गैस से संबंधित समस्या, नाभि संतुलन, सर्वाइकल दर्द, शुगर,आंखों की रोशनी बढ़ाने से संबंधित सवाल पूछे जिनके उत्तर आचार्य जी ने बड़ी सहजता से दिया।
कार्यक्रम के अंत में आचार्य रामगोपाल दीक्षित ने शिक्षकों का आह्वान किया कि कोरोना महामारी का समय भारतीए वैदिक संस्कृति की ओर लौटने का समय है।शिक्षक समाज इस कार्य को अपने हाथ में ले क्योंकि शिक्षक ही समाज को सही दिशा में ले जा सकता है। उन्होंने भीष्म पितामह का उदाहरण देते हुए कहा कि जब सज्जन निष्क्रिय होता है तो महाभारत होता है और सक्रिय होता है तो समाज को जाग्रत करता है। शिक्षक भी सज्जन होता है अतः समाज को दिशा देने के लिए आप सभी सक्रिय होकर कार्य करें। वेबिनारों का संचालन अवधेश पराशर, अतिरिक्त महामंत्री, दिल्ली अध्यापक परिषद ने किया।
वेबिनारों के माध्यम से बनाया सकारात्मक वातावरण
महामंत्री राजेंद्र गोयल ने संगठन की जानकारी देते हुए बताया कि 1971 से परिषद लगातार राष्ट्र हित, छात्र हित, तथा शिक्षक हित में कार्य कर रहा है। वर्तमान समय की चुनौती को अवसर में बदलते हुए शिक्षक तथा छात्रों के मध्य अनेक वेबिनारों के माध्यम से सकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास किया यह वेबिनार-श्रृंखला भी उसी का एक हिस्सा है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता और सभी अतिथियों का परिचय कराया एवं स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान श्रोताओं के प्रश्नों को विशेषज्ञों तक पहुंचा कर उनसे उत्तर दिलवाने का भी कार्य किया। जयभगवान गोयल,संरक्षक, दिल्ली अध्यापक परिषद ने इन कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि परिषद हमेशा ही इस तरह के कार्य करती रही है इसीलिए अधिकारियों की नजर में भी परिषद का सम्मान है। प्रदेश अध्यक्ष वेद प्रकाश ने बताया कि इस स्वर्ण जयंती वर्ष में अनेक कार्यक्रमों की योजना है इस कार्यक्रम से परिषद अनेक महिला शिक्षिकाओं तक पहुंची है और बड़ी खुशी की बात है कि इस कार्यक्रम की योजना व रचना सरोज शर्मा, अंजू सोनी, इंदु राठी, सीमा त्यागी, मोनिका शर्मा सहित दिल्ली अध्यापक परिषद की महिला संवर्ग की टीम द्वारा की गई। परिषद की महिला उपाध्यक्ष सरोज शर्मा ने मुख्य वक्ता, ABRSM तथा परिषद के कार्यकर्ताओं और अतिथियों के साथ-साथ सभी को कार्यक्रम से जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया।