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एबीआरएसएम राजस्थान उच्च शिक्षा द्वारा समलैंगिक विवाह के कानूनी मान्यता के विरोध में राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन

जयपुर, समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ राजस्थान ( उच्च शिक्षा) ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर इस तरह के विवाह को कानूनी दर्जा दिए जाने का विरोध किया है। संगठन के शिक्षाविदों का मानना है कि इस प्रकार के विवाह को मान्यता देना भारतीय सभ्यता और संस्कृति के विरुद्ध जाना है। प्रदेश महामंत्री डॉ सुशील कुमार बिस्सू द्वारा जारी ज्ञापन में कहा गया है.. विश्व में जिस राष्ट्र को उसकी महान सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता हो उस राष्ट्र में उसकी संस्कृति के बिल्कुल विपरीत एवं विवाह हेतु अप्राकृतिक आधार वाला समलैंगिक विवाह कानून भावी पीढ़ी को अप्राकृतिक संबंधों की छूट देने वाला तथा विवाह रूपी पवित्र संस्था को ही विकृत कर देने वाला साबित होगा। इससे संपूर्ण भारतीय समाज का ताना-बाना बुरी तरह प्रभावित होगा।

 

डॉ बिस्सू का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट जल्दबाजी में कुछ लोगों के लिए ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रहा है जिससे भविष्य में भारतीय समाज के करोड़ों लोग बुरी तरह प्रभावित होंगे और नैसर्गिक नियमों के विपरीत नित नए विवादों के साथ अप सांस्कृतिक मूल्यों से भारतीय समाज की भयंकर हानि होगी सुप्रीम कोर्ट को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। ज्ञापन में ए बी आर एस एम से जुड़े शिक्षकों के हवाले से महामहिम राष्ट्रपति से ऐसे कानून पर रोक लगाने का निवेदन किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक कुमार शर्मा ने कहां की भारत विभिन्न धर्मों जातियों और उप जातियों का देश है जिसमें शताब्दियों से केवल जैविक पुरुष जैविक महिला के बीच विवाह को मान्यता दी गई है। यह केवल एक संस्कार ही नहीं अपितु दो विषम लिंगी व्यक्तियों का प्राकृतिक मिलन है जिसके द्वारा संतानोत्पत्ति से मानवीय सभ्यता अक्षुण्ण रही है दूसरी ओर समलैंगिक विवाह प्राकृतिक है एवं समाज के विघटन का कारण बनेगा अंत: महामहिम राष्ट्रपति महोदय ऐसे अप्राकृतिक कानून पर रोक लगवा कर समाज को गति प्रदान करें।
इसी श्रृंखला में ए बी आर एस एम उच्च शिक्षा राजस्थान के विभिन्न महाविद्यालयों के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन, उपखंड प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर समलैंगिक विवाह की मान्यता के विषय में विरोध व्यक्त किया है। एबीआरएसएम राजस्थान उच्च शिक्षा की अलवर इकाई, प्रतापगढ़ इकाई, सरदार शहर, जैसलमेर, बांसवाड़ा,टोंक, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर ,भरतपुर बाड़मेर ,चूरू ,सांभर लेक अजीतगढ़ ,सीकर ,जयपुर ,बूंदी सवाई माधोपुर ,थानागाजी उदयपुर ,डीडवाना, बांदीकुई भीलवाड़ा ,कोटा ,दौसा चित्तौड़गढ़ ,शाहपुरा सहित लगभग 40 स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने समलैंगिक विवाह की मान्यता के विरोध में राष्ट्रपति के नाम प्रशासन को ज्ञापन देकर अपना विरोध व्यक्त किया है

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