हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शैक्षिक संघ, रोहतक का कर्तव्य बोध कार्यक्रम
हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शैक्षिक संघ, रोहतक (अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ) की ओर से 23 जनवरी 2022 को कर्तव्य बोध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा के प्रांत संयोजक प्रो. दया सिंह और प्रो. युद्धवीर सिंह संयोजक उच्च शिक्षा वर्ग हरियाणा ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रवीण फोगाट ने की।
प्रो. दया सिंह जी ने कहा कि संगठन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र के हित में शिक्षा ,शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज है और शिक्षक को निरंतर अपने छात्र छात्राओं को अपने ज्ञान के द्वारा मार्गदर्शन प्रदान करते रहना चाहिए। उन्होंने दैनिक जीवन में ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन करने का आह्वान किया। उन्होने गीता में भी श्री कृष्ण के अर्जुन को दिए गए ज्ञान का उदाहरण देते हैं कर्तव्यों को समझाया। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि यह संगठन समय समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करता रहता है। महाविद्यालय शैक्षिक संघ द्वारा इससे पहले भी स्वामी विवेकानंद व सुभाष चन्द्र बोस की जयन्ती मनाकर, नव वर्ष प्रतिस्पर्धा, गुरू वंदन के कार्यक्रम और जन जागृति अभियान के माध्यम से ना केवल शिक्षा को बल्कि समाज के हित में कार्य किया है। प्रो. युद्धवीर सिंह कहा कि हमें एक आदर्श शिक्षक के रूप में सदैव अपने समाज और देश के प्रति दायित्वों का निर्वहन करते रहना चाहिए। उन्होने रामायण और महाभारत के उदाहरण से हमे अपने कर्तव्यों से अवगत कराया।
प्रो. दया सिंह ने शिक्षकों के कर्त्तव्यबोध के संदर्भ में अपने जीवनकाल की विभिन्न घटनाओं को सांझा करते हुए बताया कि यदि हम शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक हैं और उसका निर्वहन उचित प्रकार से कर रहे हैं तो हम अपने छात्र छात्राओं में भी कर्तव्य परायण की भावना का संचार कर सकते हैं। प्रो. दया सिंह जी ने यह भी बताया कि शैक्षिक संघ शिक्षकों का संगठन है और इस संगठन की मुख्य विशेषता है कि यह न केवल अधिकारों की बल्कि कर्तव्यों की भी बात करता है । यदि हम अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे तो अधिकार अपने आप मिल जाएंगे । कर्तव्य बोध कार्यक्रम में महाविद्यालय शैक्षिक संघ से जुड़े सभी शिक्षकों और छात्राओ ने भाग लिया व कार्यक्रम का समापन डा. पुष्प दीप डागर द्वारा सभी वक्ताओं एवम सहभागी शिक्षकों का औपचारिक रूप से धन्यवाद करते हुए कल्याण मंत्र के साथ किया।