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शिक्षक समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने का कार्य करता है- मुख्यमंत्री प्रो. मानिक साहा

त्रिपुरा। वार्षिक साधारण सभा 2023 प्रतिवेदन अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से सम्बद्ध त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ की वार्षिक साधारण सभा 2023 का आयोजन रविवार को महाराजा वीर विक्रम शतवार्षिकी भवन त्रिपुरा विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ। सभा के प्रथम सत्र का प्रारंभ प्रदीप प्रज्जलन एवं मातृ वंदना के साथ हुआ। माननीय मुख्यमंत्री प्रो. मानिक साहा इस सभा के मुख्य अतिथि के रूप में विराजमान थे। अपने उद्बोधन में माननीय मुख्यमंत्री जी ने शिक्षक की श्रेष्ठ और उनके दायित्व को उद्भासित किया। उन्होंने बताया कि शिक्षक का दायित्व विशाल है। एक शिक्षक प्रेरणा का स्रोत होता है। वह अपनी शिक्षा और दूरदर्शिता के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रत्येक क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बना सकता है। साथ ही, शिक्षक समाज का भी प्रहरी है। उसके बिना तो समाज चल ही नहीं सकता। शिक्षक समाज को अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने का कार्य करता है। अच्छा शिक्षक विद्यार्थियों में देश प्रेम की भावना उत्पन्न करता है। जिससे देश की एकता और अखंडता को बल मिलता है। उन्होंने ऐसे शिक्षक संघ की आवश्यकता को भी स्वीकार किया जो विद्यार्थी, समाज और राष्ट्रहित में कार्य कर रहा हो। भारत की गौरवमयी परंपरा के प्रचार प्रसार में संलग्न हो। त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ को उन्होंने एक यथेष्ट शैक्षिक संघ की संज्ञा प्रदान की और उसे सहयोग का भी आश्वासन दिया। माननीय मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक समय ऐसा था कि लोग विदेश से पढ़ने के लिए भारत आया करते थे, किंतु पिछली सरकारों ने भारतीय शिक्षा के स्तर को धराशाई कर दिया। आज फिर देश नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, जी- 20 इत्यादि जैसे कार्यक्रमों के आयोजन से भारत की साख को विश्व में बढ़ावा मिला है। एक बार फिर पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है और भारत विश्व गुरु के पथ पर अग्रसर है।

इसके साथ ही सम्मानित अतिथि श्री महेंद्र कपूर, राष्ट्रीय संगठन मंत्री (अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ) ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में एबीआरएसएम के आदर्शों को उपस्थापित किया। साथ ही, उन्होंने भारतीय सनातन परंपरा की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने बताया कि शिक्षा में क्या आना चाहिए? शिक्षा की विषय वस्तु क्या और कैसी हो? यह शिक्षकों का दायित्व है, इसे शिक्षकों के माध्यम से संपन्न किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अध्यापक दीपक के समान होता है। वह सभी के जीवन में प्रकाश उत्पन्न करता है। शिक्षक प्रतिवाद का आदी नहीं होता बल्कि वह संवाद के माध्यम से सभी समस्याओं का समाधान ढूंढने का प्रयत्न करता है। श्री महेंद्र कपूर ने कहा कि भारत शांति का दूत है। भारतीय व्यवस्था संसार में प्रेरणा देने वाली व्यवस्था है। वह किसी के प्रति अहितकारी भावना नहीं रखती है। भारतीय विचारधारा सर्वहिताय एवं सर्वसुखाय और वसुधैवकुटुम्बकम की भावना में विश्वास करती है। प्रो.गंगा प्रसाद प्रसेन कुलपति, त्रिपुरा विश्वविद्यालय ने अपने वक्तव्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की महत्ता को उजागृत किया और इस बात पर खुशी जाहिर की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 त्रिपुरा में पूरी तरह से लागू हो चुकी है। इसके लिए उन्होंने त्रिपुरा सरकार के प्रति सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। साथ ही उच्च शिक्षा को उच्चतम स्तर पर ले जाने की कटिबद्धता को दोहराया। इसके अलावा शिक्षकों की भूमिका की भी सराहना की और कहा कि शिक्षक समाज में सबसे अधिक कार्य करने वाला व्यक्ति होता है। अध्ययन अध्यापन से सदैव जुड़े रहने के कारण वह सदैव विद्यार्थी ही बना रहता है और राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य करता है।
त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ के अध्यक्ष डॉ. अर्जुन गोप ने बड़े ही सुनियोजित तरीके से विषय का उपस्थापन किया और बताया कि शिक्षक समाज का मेरुदंड होता है। यदि किसी राष्ट्र को सुदृढ़ करना है तो पहले उस राष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज में स्वस्थ परिवेश तैयार करता है जिससे कि किसी भी उचित क्रियाकलाप और कल्याणकारी योजनाओं को यथार्थ रूप दिया जा सके। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि समाज में गुनगत परिवर्तन लाने के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षकों का होना आवश्यक है, अतः उन्होंने शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति पर जोर दिया। साथ ही, त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ के क्रियाकलापों को अन्य संगठनों से भिन्न एवं राष्ट्रहित में आवश्यक बताया। इसके साथ ही इस संगठन के सदस्यों की ओर से यह उजागर किया कि राष्ट्र को सर्वश्रेष्ठ बनाने में हम शिक्षकों का सहयोग सदैव बना रहेगा।
वहीं, त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ के महामंत्री श्री तीर्थराम रियांग ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। अपने स्वागत भाषण के दौरान उन्होंने संगठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और उसे सर्व कल्याणकारी बताया। उन्होंने संगठन के सदस्यों में उत्तरोत्तर वृद्धि पर खुशी व्यक्ति की। साथ ही अधिक से अधिक लोगों को संगठन से जुड़ने का आह्वान किया, जिससे एक समृद्ध और सशक्त भारत का निर्माण किया जा सके।
वार्षिक साधारण सभा 2023 के द्वितीय सत्र की शुरुआत त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ के महामंत्री श्री तीर्थराम रियांग ने वर्ष 2022-23 के वार्षिक प्रतिवेदन के पाठ के साथ की। जिसमें उन्होंने संगठन के द्वारा मनाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के अनुष्ठानों जैसे कर्तव्य बोध दिवस, गुरु वंदन कार्यक्रम, भारतीय नव वर्ष इत्यादि का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। तथा संगठन द्वारा शिक्षकों के हितों में किए जाने वाले कार्यों का भी उल्लेख किया। शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा के लिए किए जाने वाली मांगों को भी व्याख्यायित किया। साथ ही, इस बात का भी आश्वासन प्रदान किया कि संगठन सदैव शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण के साथ ही साथ राष्ट्रहित में कार्य करता रहेगा।
तदुपरांत कोषाध्यक्ष श्री श्याम सुंदर सरकार ने वार्षिक आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। इसके बाद डॉ. धीरेंद्र देवनाथ, प्रांतीय संगठन मंत्री त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। अपने वक्तव्य के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को उपयोगी बताया तथा इसके पालन में शिक्षकों के योगदान की भूमिका की सराहना की। साथ ही, संगठन की उत्तोत्तर वृद्धि की प्रशंसा की। तदुपरांत प्रश्नोत्तर कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जिसमें संगठन के सदस्यों ने विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को उपस्थापित किया। डॉ. अर्जुन गोप, अध्यक्ष त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ ने सदस्यों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया। तथा वंचित यूजीसी स्केल एवं पोस्ट ग्रेजुएट टीचर को समानता का दर्जा देने की मांग की। साथ ही, संगठन की प्रासंगिकता को उजागृत किया और संघवद्ध रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
तत्पश्चात अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन मंत्री श्री महेंद्र कपूर ने अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्र के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी प्रत्येक कार्यकर्ता की है। कार्यकर्ता का जीवन तपस्वी के समान होता है। वह सदैव लोगों के कल्याण के विषय में सोचता है। उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक लोग हैं, सदैव भारत के उत्थान और पुनर्निर्माण के बारे में सोचते हैं। उनका उनका कहना था की शिक्षक प्रलय और निर्माण की गोद में पलता है। वह अपने को देश के उत्थान और पुनर्निर्माण में समर्पित कर देता है। इसके साथ ही उन्होंने संगठन के विचारों को बलवान और कीर्तिमान बनाने का आह्वान किया। तथा त्रिपुरा राज्य महाविद्यालय शैक्षिक संघ के नए नाम “अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, त्रिपुरा (कॉलेज शिक्षा)” की घोषणा की। अंत में इस वार्षिक साधारण सभा के संयोजक डॉ. जयंत चक्रवर्ती ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बता दें कि सभा का संचालन डॉ. बरनाली भौमिक एवं श्रीमती मारिया देववर्मा ने किया। सभा का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ।

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